रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम

By Ravi Singh

Published on:

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

भारत सरकार देश में रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सरकार ने रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (Employment Linked Incentive Scheme), जिसे पीएम विकसित भारत रोज़गार योजना (PM-VBRY) के नाम से भी जाना जाता है, की शुरुआत की है। यह योजना 2025 में रोज़गार के परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है, जिसका लक्ष्य देश के युवाओं को अधिक से अधिक औपचारिक रोज़गार दिलाना है। आइए, इस रोजगार योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि यह कैसे नौकरियों में बूस्ट लाएगी।

मुख्य बातें: रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम

रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को 2025 के मध्य में लॉन्च किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य अगले दो वर्षों, यानी 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक, देश में 3.5 करोड़ से अधिक औपचारिक रोज़गार के अवसर सृजित करना है। यह योजना उन कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है जो नए कर्मचारियों की नियुक्ति करते हैं, खासकर उन युवाओं को जो पहली बार रोज़गार प्राप्त कर रहे हैं और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के साथ पंजीकृत हैं।

यह सरकारी योजना उन कंपनियों को लाभ पहुंचाएगी जो नए कर्मचारियों को काम पर रखती हैं। लाभ प्राप्त करने के लिए, कंपनियों को कुछ मापदंडों को पूरा करना होगा, जैसे कि नए कर्मचारियों की निश्चित संख्या में नियुक्ति करना और उन्हें कम से कम 6 महीने तक लगातार सेवा में रखना। यह सुनिश्चित करेगा कि रोज़गार के अवसर स्थायी हों और कर्मचारियों को भी स्थिरता मिले।

परफॉर्मेंस और प्रमुख विशेषताएं

रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है कंपनियों को मिलने वाला वित्तीय प्रोत्साहन। इस प्रोत्साहन का सीधा संबंध कंपनी द्वारा किए गए नए रोज़गार सृजन से है:

  • जिन कंपनियों में 50 से कम कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम 2 नए कर्मचारियों को काम पर रखना होगा।
  • जिन कंपनियों में 50 या उससे अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम 5 नए कर्मचारियों को काम पर रखना होगा।
  • यह महत्वपूर्ण है कि नियुक्त किए गए नए कर्मचारी कंपनी में निरंतर कम से कम 6 महीने तक कार्य करें ताकि कंपनी इस योजना के तहत लाभ का दावा कर सके।
See also  What Is an Inheritance Advance? - SmartAsset

यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी लाभ पारदर्शी तरीके से हितधारकों तक पहुंचे, योजना में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) की व्यवस्था की गई है।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से, पहली बार रोज़गार प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को मिलने वाला वित्तीय लाभ सीधे उनके आधार-लिंक्ड बैंक खातों में जमा किया जाएगा। इसी तरह, कंपनियों को मिलने वाला प्रोत्साहन उनके पैन-लिंक्ड बैंक खातों में भेजा जाएगा। यह पारदर्शिता सुनिश्चित करता है और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की गुंजाइश को कम करता है।

इस योजना का उद्देश्य औपचारिक रोज़गार को बढ़ावा देना और अनौपचारिक नौकरियों को कम करना है। ईपीएफओ सदस्यता का विस्तार करके, यह योजना श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने और देश के औपचारिक कार्यबल को मजबूत करने में मदद करेगी। यह 2025 रोज़गार परिदृश्य को बेहतर बनाने और “विकसित भारत” के दृष्टिकोण के अनुरूप समावेशी और टिकाऊ रोज़गार को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को तीन मुख्य खंडों में विभाजित किया गया है:

  • योजना ए: यह ईपीएफओ के तहत पहली बार रोज़गार पाने वाले लोगों के लिए प्रोत्साहन पर केंद्रित है, जिसमें मासिक वेतन की सीमा 1 लाख रुपये है और यह 2 साल के लिए मान्य है।
  • योजना बी: यह विशेष रूप से विनिर्माण (manufacturing) क्षेत्र में रोज़गार सृजन पर ध्यान केंद्रित करती है।
  • योजना सी: यह सामान्य रूप से उन नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करती है जो अधिक श्रमिकों को काम पर रखते हैं।

यह सरकारी योजना जुलाई 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित की गई थी, जिसमें 99,446 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय (financial outlay) निर्धारित किया गया है। यह 1 अगस्त 2025 से प्रभावी हो गई है, जिसका लक्ष्य देश की युवा शक्ति को औपचारिक कार्यबल में शामिल करना और उन्हें दीर्घकालिक लाभ प्रदान करना है।

रोजगार योजना का उद्देश्य और प्रभाव

रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम का सबसे बड़ा उद्देश्य भारत के कार्यबल को औपचारिक बनाना है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अधिक से अधिक लोग सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आएं, जिससे उन्हें पेंशन, स्वास्थ्य बीमा और अन्य भविष्य-सुरक्षा लाभ मिल सकें। यह योजना अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोगों को एक बेहतर कल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

See also  रिलायंस इंडस्ट्रीज का 2025 में ₹10 लाख करोड़ का टारगेट

2025 में लागू होने वाली यह योजना न केवल रोज़गार के नए अवसर पैदा करेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि ये अवसर गुणवत्तापूर्ण हों। नए कर्मचारियों को कम से कम 6 महीने का अनुभव मिलने से उनके कौशल का विकास होगा और वे भविष्य में अधिक बेहतर रोज़गार के लिए तैयार होंगे। यह भारत को एक कुशल कार्यबल वाले राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।

नौकरियों में बूस्ट लाने के साथ-साथ, यह योजना देश की आर्थिक वृद्धि को भी गति प्रदान करेगी। जब अधिक लोग औपचारिक रोज़गार में होंगे, तो उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे मांग में वृद्धि होगी और फलस्वरूप, उत्पादन और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह एक सकारात्मक चक्र बनाएगा जो देश के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

इस वीडियो में और जानें

आधिकारिक जानकारी और आगे के कदम

रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के बारे में अधिक विस्तृत और नवीनतम जानकारी के लिए, आप विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों का सहारा ले सकते हैं। सरकार ने इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार किया है।

यह योजना केवल एक अल्पकालिक पहल नहीं है, बल्कि इसे भारत के दीर्घकालिक आर्थिक और सामाजिक विकास के दृष्टिकोण के साथ जोड़ा गया है। रोजगार योजना का लक्ष्य देश के युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदार बनाना है।

अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित लिंक पर जा सकते हैं, जहां आपको योजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी मिलेगी:

FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • प्रश्न: रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (ELI) क्या है?
    यह एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य कंपनियों को नए कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देना है, खासकर उन युवाओं को जो पहली बार ईपीएफओ से जुड़ रहे हैं। यह 2025 में लॉन्च हुई है।
  • प्रश्न: इस योजना का मुख्य लक्ष्य क्या है?
    इस योजना का मुख्य लक्ष्य 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक 3.5 करोड़ से अधिक औपचारिक रोज़गार के अवसर पैदा करना और भारत के कार्यबल को औपचारिक बनाना है।
  • प्रश्न: कंपनियों को क्या लाभ मिलेगा?
    कंपनियों को नए कर्मचारियों की नियुक्ति पर वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा, बशर्ते वे कुछ शर्तों (जैसे कर्मचारियों की संख्या और सेवा अवधि) को पूरा करें।
  • प्रश्न: यह योजना किसके लिए फायदेमंद है?
    यह योजना उन कंपनियों के लिए फायदेमंद है जो नए रोज़गार पैदा कर रही हैं, और विशेष रूप से उन युवाओं के लिए जो पहली बार रोज़गार प्राप्त कर रहे हैं और ईपीएफओ के तहत पंजीकृत हो रहे हैं।
  • प्रश्न: क्या यह योजना 2025 में ही प्रभावी होगी?
    हां, यह योजना 1 अगस्त 2025 से प्रभावी हो गई है और 31 जुलाई 2027 तक लागू रहेगी।
See also  What is Continuous Integration - Definition

निष्कर्ष

रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम, या पीएम विकसित भारत रोज़गार योजना, 2025 में भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य देश में नौकरियों में बड़ा बूस्ट लाना है। यह रोजगार योजना न केवल औपचारिक रोज़गार को बढ़ावा देगी बल्कि युवा शक्ति को सशक्त बनाकर और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करके देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी योगदान देगी। यह सरकारी योजना भारत को एक आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। अगर आपके कोई प्रश्न या सुझाव हैं, तो नीचे टिप्पणी अनुभाग में हमें बताएं। अधिक सरकारी योजनाओं और रोज़गार से जुड़ी जानकारियों के लिए, आप हमारे पोर्टल पर अन्य लेख भी पढ़ सकते हैं।

Disclaimer: अस्वीकरण: सभी फोटो और वीडियो Google और YouTube जैसे सार्वजनिक प्लेटफॉर्म से लिए गए हैं। यदि कोई सामग्री आपकी है और आप उसका श्रेय या हटाना चाहते हैं, तो कृपया हमारे संपर्क पेज पर हमें सूचित करें।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Ravi Singh

मेरा नाम रवि सिंह है, मैं एक कंटेंट राइटर के तौर पर काम करता हूँ और मुझे लेख लिखना बहुत पसंद है। 4 साल के ब्लॉगिंग अनुभव के साथ मैं हमेशा दूसरों को प्रेरित करने और उन्हें सफल ब्लॉगर बनाने के लिए ज्ञान साझा करने के लिए तैयार रहता हूँ।

Leave a Comment